- बरसात के पूर्व घर के छत की सफाई जरूर कर लें. जिससे कूड़ा करकट साफ हो जाए और बरसात का पानी छत से आसानी से निकल जाये.
- बरसात के दिनों में घर की नालियां और कारियां को प्रतिदिन फिनाइल से अच्छी तरह से धोना चाहिए.
- झूठे बर्तनों की गंदगी, फल-सब्जियांे के छिलके, नहाने धोने का पानी आदि को जमा न होने दें.
- बरसात के दिनों में कमरे में सीलन की बू आती है तो सुगंधित अगरबत्ती लगा कर इसे दूर करें.
- बरसात के मौसम में बिजली की सभी लाइने चेक करवा लें. कटे हुए तार, नंगे तार को हटा दें.
- खाने-पीने की वस्तुओं को हमेषा ढ़क कर रखें. बिस्कुट, नान खटाई, पापड़, बड़ी आदि को हवा बंद डिब्बों में रखें.
- इस मौसम में पानी प्रायः अषुद्ध होता है. इसमें रोगाणुओं की बहुलता होती है. इसलिए पानी को वायल करके ठंडा कर लें. इसके बाद फिटकरी डाल कर पानी को साफ करें.
- इन दिनों शरीर मंे पानी की अधिकता होने से पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है. भोजन हजम नहीं होता और भूख कम लगती है. ऐसे में शीघ्र पचने वाले पदार्थो का सेवन करना अच्छा रहता है.
- चाट, समोसा, बड़ा, कचैरी, पकौड़ी, पूड़ी, मिठाईया, नमकीन, होटल का खाना, बासी खाना आदि नहीं खाना चाहिए. इससे अनेक प्रकार की बीमारियां होने की संभावना रहती है. तुरंत पकाया, गरम-गरम भोजन खाना अच्छा होता है.
- मौसमी फल-सब्जियांे का ही सेवन करें. इस बात का ध्यान रखें, इन्हें अच्छे से नमक मिले पानी से धो लें. जिससे रोगाणु मुक्त हो जायंे.
- फ्रीज के बोतलों, उसके ढक्कनों और फिल्टर के कैंडिल की नियमित सफाई करें.
- बरसात के दिनों में चमड़े के बैग, पर्स, जूते, चप्पल, बेल्ट आदि का इस्तेमाल न करें. इन्हें बरसात के पहले साफ करके रख लें.
- बरसात के दिनों में भीगना उचित नहीं है. यदि भीग जाएं तो कपड़े तुरंत बदल लें. शरीर को साफ पानी से स्वच्छ कर टावेल से सुखा लें.
- इस मौसम में अधिक समय तक गीले में न रहे. इससे पैरों की ऊंगलियों के मध्य में फंगस हो जाता है. पैरों को हमेषा सूखा कर रखें.
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