घर में कहां हो पूजा स्थल
सभी के घर में मंदिर या पूजा स्थल अवश्य होता है. इसी मंदिर के कारण हमारे घर पर सभी देवी-देवताओं की कृपा बरसती है. यदि आपके घर का मंदिर पूरी तरह धार्मिक और सभी वास्तुदोषों से दूर होगा तो निश्चित ही देवी महालक्ष्मी आपके परिवार को मालामाल कर देगी. वास्तु और शास्त्रों के अनुसार हमारे घर की सुख समृद्धि पर इस बात का काफी प्रभाव पड़ता है कि आपका पूजा स्थल कैसा है.वास्तु के अनुसार घर के पूजा स्थल या मंदिर में भगवान की मूर्तियां तस्वीर या भगवान के अन्य प्रतीक रखे जाते हैं. जहां हम पूजा करते है, भगवान का स्मरण करते हैं वह स्थान शांत और पवित्र होना चाहिए.
- पूजा स्थल के आसपास ऐसी कोई वस्तु नहीं होना चाहिए जिससे वहां का वातावरण अपवित्र हो.
- पूजा स्थल के आसपास अग्नि संबंध वस्तुएं नहीं रखना चाहिए जैसे इनवेटर, विधुत मोटर, पुराना सामान, टूटे-फूटे बर्तन आदि.
- मंदिर के आसपास पूरी तरह साफ सफाई भी रखना चाहिए.
- मंदिन के आसपा पूजन सामग्री, धार्मिक पुस्तकें, ऐसी वस्तुएं जिनसे वहां शुभ वातावरण निर्मित होता है. रखना चाहिए.
- घर के मंदिर में शास्त्रों के अनुसार बतायी गयी भगवान की मूर्तियां ही रखें.
- घर में श्रीगणेश की 3, माताजी की 3 प्रतिमांए, और सूर्य की दो प्रतिमाएं और 2 शंख नहीं होना चाहिए.
- मंदिर में दो शिवलिंग नहीं होना चाहिए. तथा शिवलिंग अंगूठे के आकार काहोना चाहिए.
- मंदिर में पूजा के उपयोग हेतु शंख भी रखा जाता है.
- मंदिर में विभिन्न यंत्र चक्र आदि भी रखते हैं जैसे गोमती चक्र, लक्ष्मी यंत्र रूद्र यंत्र इत्यादि. गोमती चक्र अधिकांश लोगों के मंदिर में रखा जाता है. गोमती चक्र की संख्या भी 2 नहीं होना चाहिए.
- पूजा स्थल की नियमित रूप् से सफाई की जानी चाहिए. साथ ही प्रतिदिन विधि विधान से पूजन-अर्चना भी करनी चाहिए.
- सुगंधित अगरबत्ती लगाने से घर का वातारण भी पवित्र होना है और सकारात्मक उर्जा बढ़ती है.
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