Lahsun ki kheti : millions of earnings in six months
लहसुन की खेती देश के लगभग हर क्षेत्र में आसानी से की जा सकती है.
लहसुन को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकता है. लंबे समय तक रखने पर इसके स्वाद में कोई परिवर्तन नहीं आता है. लहसुन का उपयोग मसालों के तौर पर सबसे अधिक किया जाता है, इसके अलावा इसमें मौजुद औषधिय गुण की वजह से दवाईयो में भी इसका उपयोग किया जाता है. आजकल मार्केट में लहसुन का आचार, लहसुन का पेस्ट, लहसुन पाउडर आदि भी मिलने लगे है.
लहसुन की बिक्री के लिए आॅनलाइन सर्च कर सकते हैं. ऐसी अनेक साइट है जहां आप आॅन लाइन फूड प्रोसिंग कंपनियां, दवा कंपनियां और मसालों के खरीददारों से सीधा सम्पर्क कर सकते हैं.
इसकी खेती के लिए एक हेक्टयर जमीन में लगभग 10 से 12 हजार रूपए के बीज की आवश्यकता होती है. फसल तैयार होने में 150 से 180 दिन लगते हैं। इसके अलावा खाद और मजदूरी पर लगभग 50 हजार तक का खर्च आता है.
लहसुन की खेती के लिए नंवबर का महिना उचित होता है. अप्रैल मई में इसकी खुदाई शुरू हो जाती है. एक हेक्टर जमीन में लगभग 7 से 8 टन की पैदावर होती है.
कृषि विषेशज्ञों के अनुसार लहसुन की अच्छी पैदावार के लिए जी-17 काफी अच्छी प्रजाति है. इससे एक हेक्टयर मंे 7 से 10 टन की पैदावार होती है.
देश में भारतीय कृषि अनुसंधान द्वारा किसानों को लहसुन की उन्नत खेती के लिए प्रशिक्षण, उन्नत बीजों का उत्पादन और कृषि विधियों के बारे में सलाह परामर्श दिए जाते है.
यदि आप लहसुन के वैज्ञानिक खेती के बारे में और अधिक जानकारी चाहते हैं तो प्याज एवं लहसुन अनुसंधान केन्द्र पुणे से सम्पर्क करके ले सकते हैं। लहसुन की खेती करके आप अच्छी कमाई कर सकते है. यह मुनाफे की खेती है.
1 टिप्पणियाँ
लहसुन की खेती पर बहुत अच्छी जानकारी
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