Anemia : Anemia Meaning, Causes, Symptoms, and Treatment

एनीमिया : एनीमिया क्या है कारण, लक्षण और इलाज


रक्त में हीमोग्लोबिन Hemoglobin की मात्रा घट जाने से एनीमिया Anemia की शिकायत हो जाती है। इसकी वजह से जल्दी थकान महसूस होती है। जी मितलाना, दिल की धड़कने तेज हो जाना, चक्कर आना, भूख न लगना आदि शिकायत उत्पन्न हो जाते है। गर्भवति स्त्री को यह शिकायत हो जाने पर जच्चा-बच्चा दोनों की जान जा सकती है। Anemia को गंभीरता से नहीं लिया जाता है और इसे रोग की बजाय रोग का लक्षण मान कर चलते है। Anemia के दूरगामी नतीजे बहुत घातक होते हैं। एनीमिया Anemia क्यो होती है। उससे बचने के खास टिप्स -

क्या है एनीमिया? What is anemia?

एनीमिया Anemia को आमतौर पर खून की कमी माना जाता है। जबकि यह खून की कमी नहीं बल्कि यह खून में Hemoglobin levels (हीमोग्लोबिन की मात्रा) कम हो जाने की वज़ह से होती है। शरीर में लाल रक्त कणिका तथा श्वेत रक्त कणिका दो प्रकार के तत्व होते हैं।

श्वेत रक्त कणिका का काम रोग से लड़ने का होता है। यह शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाती है।

लाल रक्त कणिका जिसे Hemoglobin (हीमोग्लोबिन) कहा जाता है। वह शरीर में आॅक्सीजन पहुंचाने का काम करती है।
Hemoglobin (हीमोग्लोबिन) आयरन युक्त प्रोटीन है। इसका काम फेफड़ों और शरीर में अन्य भागों तक आॅक्सीजन पहुंचाना होता है।

हीमोग्लोबिन की मात्रा Amount of hemoglobin

एक व्यस्क के शरी में Hemoglobin levels (हीमोग्लोबिन की मात्रा) 11 ग्राम/100 मिली से कम नहीं होना चाहिए। इससे कम हीमोग्लोबिन Hemoglobin होने पर व्यक्ति एनीमिया से ग्रसित हो सकता है।

कितना होना चाहिए हीमोग्लोबिन


  • शैशवस्था 11 ग्राम
  • बचपन 12 ग्राम
  • किशोरावस्था 13 ग्राम
  • पुरूष 15 ग्राम
  • महिला 13 ग्राम
  • गर्भवति महिला 13 ग्राम
  • उम्रदराज 13 ग्राम


टाइप आॅफ एनीमिया Type of anemia

एनीमिया Anemia तीन तरह का होता है। शरीर में लाल रक्त कणिकाओं का जीवन चक्र सामान्यः 120 दिनों का होता है। लाल रक्त कणिकाओं का वाॅल्यूम एमसीवी के जरिए लाल रक्त कणिकाओं का वाॅल्यूम मापा जा सकता है।

एमसीवी सामान्य से कम (80 से कम) है तो इसे माइक्रोसाइटिक एनीमिया कहते हंै।
एमसीवी सामान्य (80-120) होने की स्थिति में इसे नाॅर्मोसाइटिक एनीमिया कहते है।
एमसीवी सामान्य से अधिक है तो इसे मेक्रोसाइटिक एनीमिया कहते हंै।

एनीमिया उत्पन्न होने के कारण Reasons for Anemia


  • रक्त में लौह तत्व (आयरन) की कमी।
  • विटामिन बी-12 एवं फालिक एसिड की कमी ।
  • स्त्रियों एवं किशोरियों को मसिकधर्म के समय अधिक मात्रा में रक्तस्त्राव होना।
  • गर्भावस्था में लौह तत्व की अधिक आवश्यकता होती है, वह पूरी नहीं होने के कारण।
  • भोजन में अधिक मात्रा में तेल मसालें व खट्टे पदार्थो का सेवन करना।
  • किसी बीमारी जैसे शरीर पर किसी प्रकार के घाव होने पर रक्त की कमी, खूनी बवासीर या नकसीर आदि।
  • भोजन में हरी पत्तेदार सब्जी, मेवा, दाल आदि का लंबे समय तक इस्तेमाल न करना।
  • डायटिंग करने वाली लड़कियों को भी एनीमिया भी शिकायत हो जाती है।
  • धार्मिक सोच की वज़ह से अनेक महिलाएं अधिक व्रत-उपवास के चक्कर में रहती है।
  • जिसकी वज़ह से उन्हें पर्याप्त मात्रा में शरीर को आवश्यक तत्व नहीं मिल पाते हैं। उन्हें एनीमिया की शिकायत हो जाती है।
  • पुरूषों की तुलना में यह शिकायत महिलाओं को अधिक होती है। क्योंकि हर माह महावारी के कारण उनके शरीर मे रक्त की कमी हो जाती है।


एनीमिया के लक्षण Anemia Sympotoms


  • यह समस्या एक दिन में उत्पन्न नहीं होती है। इसलिए लक्षण भी काफी समय बाद दिखते हैं।
  • चेहरे व हाथ पैर का रंग उतरा हुआ लगना। रंग पीला या सफेद दिखाई देना।
  • पैदल चलने, काम करने पर जल्दी सांस फूल जाना, शारीरिक व मानसिक रूप से जल्दी थकान महसूस करना।
  • जी मितलाना
  • घबराहट महसूस होना
  • दिल की धड़कने अनियमित हो जाना
  • बार-बार सांस अटकना
  • चक्कर आना।
  • भूख न लगना
  • सुस्त पड़े रहना
  • चिड़चिड़ापन
  • पिंडलियों में हल्का, कभी-कभी तेज दर्द।
  • आंखों में सफेदी आना
  • जीभ पर छाले दिखाई देना।
  • बालों का गिरना
  • मुंह सूखना
  • नाखून पीले हो जाना
  • मतिभ्रम होना
  • दिल से संबंधित किसी तरह की समस्या दिखाई देना।


एनीमिया का टेस्ट Anemia Test

एनीमिया का पता लगाने के लिए Anemia test ‘हीमोग्राम’ नामक जांच की जाती है। ब्लड टेस्ट में सीबीसी (कंपलीट ब्लड सेल) काउंट टेस्ट किया जाता है। इस टेस्ट के जरिए शरीर में मौजूद रेड व व्हाइट ब्लड सेल की संख्या का पता चल जाता है।

अधिक गंभीर होने की स्थिति में इलेक्ट्रोफोरेसिस नामक जांच की जाती है। जिससे बीमारी की गंभीरता के बारे में पता चल जाता है।

इसके साथ मल व मूत्र की जांच कर एनीमिया उत्पन्न होने के कारण के बारे में पता लगाया जाता है।

एनीमिया के दुष्प्रभाव Side Effects of Anemia

अधिकता लोगों द्वारा इसे गंभाीरता से नहीं लिया जाता। जिसकी वज़ह से इसका परिणाम उन्हें आगे चल कर भुगतना पड़ता है।

गर्भवती महिलाओं को गर्भवस्था में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं। वही इसका असर होने वाले बच्चे पर भी पड़ता है।

आयरन डिफिशिएंसी एनीमिया के साथ जन्म लेने वाले बच्चों में इयर इंफेक्शन, मानसिक दुर्बलता, सूखा रोग, मंद बुद्धि आदि की समस्या हो सकती है।

ऐसे बच्च्ेा काफी कमजोर होते हंै। उनमें किसी रोग से लड़ने की शक्ति कम होती है। जिसके कारण वे हमेशा बीमार रहते हंै।

एनीमिया के कारण कई बच्चे का मानसिक व शारीरिक विकास भी अवरूद्ध हो जाता है। इससे बचाव के लिए दो साल की कम उम्र के बच्चें को आयरन थेरेपी देने की आवश्यकता होती है।

11-15 वर्ष की आयुवर्ग के बच्चे पर किए गए एक अध्ययन में पता चला है कि आयरन डिफिशिएंसी एनीमिया से ग्रसित बच्चों में व्यवहार संबंधी दिक्कतें आती है।

टीनएज लड़के -लड़कियों में एनीमिया के कारण मैमेरी लाॅस (यादादश्त की कमी) की शिमकायत हो जाती है।

टीनएज लड़कियों में एनीमिया की वज़ह से पीएमएस, एमनोरिया आदि की शिकायत उत्पन्न हो जाती है।जिसमें महावरी के समय कष्ट होता है या रक्त की मात्रा कम दिखाई देती है।

इससे पीड़ित होने पर रोग से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। जिसकी वज़ह से किसी भी बीमारी के संक्रमण का शिकार हो जाता है।

एनीमिया का इलाज समय से न होने पर थाॅयराइड की भी कमी हो जाती है। जिसकी वज़ह से बच्चे का कद बढ़ना रूक जाता है।

बचाव के लिए क्या करें


  • अपने आहार में रोजाना दाल, दूध और प्रोटीन युक्त आहार को शामिल करें।
  • हरी पत्तेदार सब्जियां (पालक, मेंथी, पत्ता गोभी, चैराई, लाल भाजी, चना व बथुआ का साग)  साबुत दाल, अंकुरित खाद्यान्न का अधिक प्रयोग करें।
  • गर्भवति महिलाएं प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ  अधिक मात्रा में लें।
  • शरीर में आयरन की कमी को दूर करने के लिए लोहे की कड़ाही में खाना बनाएं।
  • मेवा (मुन्नका, खुबानी, बादाम, खजूर, अंजीर आदि) लें।
  • भोजन में दाल जरूर लें।
  • गेंहूॅ के आटे में सोयबीन, चना, ज्वार आदि मिला कर उसकी चपती का सेवन करे।
  • चाय काॅफी आदि का इस्तेमाल कम करें।
  • विटामिन बी-12, फोलिक एसिड का इस्तेमाल करें। इससे शरीर में जल्दी ही रक्त कणिकाओं का निर्माण होने लगता है।
  • शराब व नशीले पदार्थे का इस्तेमाल न करें।




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