नीम का उपयोग : नीम एक सस्ता घरेलू जैविक कीटनाशक

नीम एक सस्ता घरेलू जैविक कीटनाशक, नीम का उपयोग,  


आज हम जानकारी दे रहे है घरेलु जैविक कीटनाशक दवाई के बारे में.
सरकारी प्रयास और किसानों की मेहनत की वजह से पिछले कुछ वर्षों में अनाज का उत्पादन तेजी से बढ़ा है,
लेकिन अगर इसे सावधानी से संरक्षित न किया जाए तो इसके खराब होने का खतरा बढ़ जाता है।
यहां अधिकतर क्षेत्रों में अनाज की खेती की जाती है.
किसान अपने खेतों में अच्छा उत्पादन तो कर लेते है लेकिन उसको सुरक्षित रखने के लिए कोई उपाय नहीं करते है.


लापरवाही की वजह से अनाज खराब होने लगता है.
अनाज खराब न हो जाएं इसलिए अधिकतर किसान उसे जल्द से जल्द बेचने की कोशिश में रहते है
जिसकी वजह से उन्हें कई बार अपने उत्पादन की सही कीमत भी नहीं मिल पाती है.
बड़े किसानों के पास अनाजों को संरक्षित रखने के लिए साधन होते है लेकिन छोटे किसानों के पास साधन का
अभाव होता है.
ऐसे में अपने आनाजों को संरक्षित रखने के लिए नए नए प्रयोग करते रहते है.
अनाज को सुरक्षित रखने के लिए आजकल जो कीटनाशी या रसायनिक दवाईयों का प्रयोग किया जाता है
वे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते है. इसको इस्तेमाल करना जानलेवा भी हो सकता है.
किसान भाईयों से कहना चाहूंगी, रसायनिक दवाईयों की बजाएं घरेलू जैविक कीटनाशक का इस्तेमाल करें.
इसके इस्तेमाल से न तो स्वास्थ्य को कोई नुकसान होता है और न ही अनाज खराब होता है
और सबसे अच्छी बात तो यह है कि यह इस कीटनाशक के लिए आपको कोई खर्च भी नहीं करना पड़ेगा.
आप समझ ही गए होगें कि मैं नीम की बात कर रही हूं.



आज से कई साल पहले जब रसायनिक कीटनाशकों का इस्तेमाल नहीं किया जाता था
उस वक्त अनाजों को संरक्षित रखने के लिए लोग नीम की पत्तियों का इस्तेमाल करते थे.
आयुर्वेद के अनुसार भी नीम को बहुउपयोगी माना गया है,
आइये देखते हैं कि नीम का इस्तेमाल करके आप अपने अनाज को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं।
अनाज के पक जाने के बाद उसे धूप में अच्छे से सूखा लें.
उसके बाद जब आप अनाज को इकट्ठा करके रखे उस वक्त अनाज में सूखी नीम की पत्तियां मिला दें
इससे उसमें घुन और अन्य कीड़े मकोड़े नहीं लगते हैं और अनाज सुरक्षित रहता है।
किसान भाई अनाज को बोरियों में भी भरकर रखते है।
इसके लिए जिस बोरे में अनाज भर रहे है उस बोरे को पहले नीम की पत्तियां ड़ालकर उबाले गये पानी में रात भर के लिए भिगो दें फिर बोरे को छांव में सुखा लें, उसके बाद उसमें अनाज भरें।
जहां पर अनाज रख रहे है, वहां पर अनाज रखने से पहले लगभग 3-4 इंच तक नीम की सूखी पत्तियों को सतह पर विछा देना चाहिए.
इस प्रकार लगभग 2 फीट तक अनाज भरने के पश्चात पत्तियों की एक परत बिछाएं फिर अनाज भरें.
इस तरह से एक तह पत्तियों की और एक तह अनाज की रखे. इससे अनाज सुरक्षित रहेगा.
दालों के भण्डारण के लिए एक किलो दाल में एक ग्राम नीम का तेल ऐसे मिलाएं
जिससे वह पूरी तरह से फैल जाये, समय के साथ साथ नीम के तेल की महक धीरे-धीरे कम होने लगती है।
नीम की पत्तियां ही नहीं नीम का तेल भी अनाज को संरक्षित करने में इस्तेमाल किया जाता है.
यह प्राकृतिक और स्वास्थ्य के लिए भी अच्छा है.
मित्रों, मुझे उम्मीद है आपको जानकारी पसंद आई होगी. इसे लाईक करें और अपने दोस्तों को शेयर करें।



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