शुरू करें शहद का बिजनेस
देश में शहद की मांग तेजी से बढ़ रही है. भारत दुनिया में शहद के उत्पादन में मात्र 10 हजार टन शहद का निर्यात करता है. इस बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए सरकारी व गैरसरकारी ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाएं जा रहे है. साथ ही वित्तिय सहायता भी दी जा रही है.
फ्रेंड्स यह काफी फायदे वाला बिजनेस है. यदि आप इसे उद्योग के रूप में स्थापित करना चाहते हैं तो जान लें इस बिजनेस को शुरू करने में आयी लागत पहले ही साल में वसूल हो जाती है. इसके बाद तो फायदा ही फायदा होता है.
5 से 10 युनिट लगा कर छोटे स्तर पर इस बिजनेस की शुरूआत कर सकते हैं. 1 युनिट में सालभर में लगभग 50 किलो शहद प्राप्त होता हैं. यदि आप इसेे उद्योग के रूप में लगाना चाहते हैं तो 1000 युनिट की आवश्यकता होगी. इसमें 2 से 3 लाख रूपयों का इंवेस्टमेंट करना होगा.
बिजनेस के तौर पर मधुपालन करने से पहले इसका पशिक्षण ले ले तो अच्छा होगा, कृषि विश्वविद्यालय तथा इससे संबंधित संस्थाओं द्वारा मधुमक्खी पालन का कोर्स व ट्रेनिंग प्रोग्राम करवाएं जाते हंै. यह कोर्स दो महिने से लेकर एक साल तक के होते हंै. इसके अलावा सरकार द्वारा समय-समय पर ब्लाक स्तर पर गांवों में ट्रेनिंग प्रोग्राम भी चलाएं जाते हैं. जिसकी सूचना बीडीओ के पास होती है.
शहद के बिक्री के लिए शुरूआत में खरीददारों से सम्पर्क करना पड़ता है. कुछ समय बाद खरीददार स्वयं ही मधुमक्खी पालक के पास पहुंच जाते हैं.
यह मेहनत वाला काम भले ही न हो पर इसके रखरखाव पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है. मधुमक्खियों की कालोनियों को समय और मौसम के अनुरूप इधर-उधर हटाना पड़ता है. मधुमक्खियों को होने वाली बीमारी पर भी ध्यान देने की आवश्यकता होती है.
मधुमक्खी पालन से शहद के अलावा मोम भी प्राप्त होता है. जिसका उपयोग मोमबत्ती, जूता पालिश, सौंदर्य प्रसाधन तथा दवाओं के निमार्ण में काम आता है. इसके अलावा राॅयल जैली तथा प्रोपालीश नामक एक प्रकार का प्रोटिन भी प्राप्त होता है. जो मंहगें दाम में बिकता है.
इसके लिए अधिक पढ़ा लिखा होने की जरूरत नहीं है. यदि आप आठवीं पास है तब भी इस कोर्स को कर बिजनेस शुरू कर सकते हैं.
इस कोर्स में मधुमक्खी पालने के बारे में पूरी जानकारी दी जाती है. मधुमक्खियों के रखरखाव, प्राकृतिक रूप से बनाएं गए शहद को इकठ्ठा करना, उसको संगृहीत करने के तरीकों के बारे में जानकारी दी जाती है.
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