आज के व्यस्त जीवन में बीपी यानि ब्लड प्रेशर की शिकायत होना आम बात हो गई है. अधिकतर लोग इस ओर ध्यान नहीं देते है. इस बात का ध्यान रखें हाई ब्लड प्रेशर से किडनी के खराब होने की संभावना बढ़ जाती है. किडनी फेल होने पर खाने में मौजूद विषैले तत्त्व खून में जमा होने लगते हैं जिससे इंटरनल इंफेक्शन होने लग जाता है.
किडनी शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है. यह शरीर में खून को साफ करती है. हम जो भी खाते हैं उसमें कई तरह के विषैले तत्त्व होते हैं. किडनी इन विषैले तत्वों को यूरिन के रास्ते बाहर निकाल देती है।
किडनी को स्वस्थ रखने के लिए रोजाना आठ से दस गिलास पानी पीना चाहिए. इससे किडनी और ब्लड प्रेशर संबंधी समस्या को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है.
यदि आपको ब्लड प्रेशन की शिकायत है तो खूब पानी पीएं. पानी अधिक पीएंगे तो खून अच्छे से साफ होगा और किडनी के कार्य करने की क्षमता भी अच्छी रहेगी.
इसके साथ नमक का इस्तेमाल भी कम कर दें. यदि हाई ब्लडप्रेशर की समस्या है तो नमक बहुत कम खाना चाहिए. अगर संभव हो तो नमक का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर दें. यह आपके स्वास्थ्य और किडनी दोनों के लिए अच्छा होगा.
किडनी संबंधित रोग होने पर शुरूआत में कुछ लक्षण दिखाई देने लगते है. जैसे
पैरों में सूजन आना,
सांस लेने में तकलीफ होना,
भूख न लगना,
उल्टी जैसा मन होना,
कमजोरी होना,
शारीरिक परेशानी आदि
किडनी से जुड़ी कोई बीमारी होने पर यूरिन आउटपुट या उसके फ्लो पर कोई फर्क नहीं पड़ता है. जब किडनी पूरी तरह से फेल हो जाती है तब यूरिन नहीं बनता है इसके साथ ही साथ खून साफ करने की क्षमता भी खत्म हो जाती है.
यूरिन से जब सफेद रंग का द्रव्य निकलने लगे तो व्यक्ति को सतर्क हो जाना चाहिए क्योंकि ये लक्षण किडनी के खराब होने की निशानी है.
इस तरह के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डाॅक्टरी जांच करवानी चाहिए. जांच द्वारा पता लगाया जाता है कि किडनी को कितना नुकसान हुआ है.
अक्सर दोनों किडनी एक साथ खराब होती हैं क्योंकि किडनी का काम खून को साफ करना होता है. जब वो खून को साफ नहीं कर पाती है तो नेफ्रॉन्स में दूषित कण जमा होने लगते है जो किडनी को नुकसान पहुंचाते हैं.
किडनी स्टोन से एक किडनी खराब होती है जिनकी एक किडनी है उन्हें किडनी संबंधी रोग को लेकर हमेशा सतर्क रहना चाहिए.
किडनी संबंधी रोग होने पर सबसे पहले दवा से इलाज करते हैं. इसके बाद जरूरत अनुसार डायलिसिस, ऑपरेशन या किडनी ट्रांसप्लांट जैसी जटिल प्रक्रियाओ को अपनाया जाता है.
फ्रेंड्स कुछ साधारण से उपाय को अपना कर इस तरह के जटिल समस्याओं से बचा जा सकता है. आईए देखें वे कौन से है.
सबसे पहले ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखें.
यदि ब्लडप्रेशर की समस्या है तो समय पर दवा लें और नियमित बीपी चेक कराते रहे.
नमक का इस्तेमाल कम से कम करें.
पानी खूब पीएं.
शराब और धूम्रपान ना करें.
घूमे फिरे और नियमित एक्सरसाइज करें.
वजन सामान्य से अधिक है तो उसे नियंत्रित करें.
फ्रेंड्स इस तरह के छोटे उपायों को अपना कर आप ब्लड प्रेशर और किडनी जैसी समस्याओं से बच सकते है.
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