पोली हाउस में मुनाफे की खेती
आज हम जानकारी दे रहे है पोली हाउस में खेती के बारे में.

इससे कृत्रिम खेती की जा सकती है, इस तरह जब चाहें तब मनपसंद फसल पैदा कर सकते हैं।
पोली हाउस तकनीक का उपयोग संरक्षित खेती के तहत किया जा रहा है।
इस तकनीक से जलवायु को नियंत्रित करके दूसरे मौसम में भी खेती की जा सकती है।
ड्रिप पद्धति से सिंचाई कर तापमान व आद्र्रता को नियंत्रित किया जाता है।
पाॅली हाउस बहुत अधिक गर्मी या सर्दी से फसलों की रक्षा करते हैं,
धूल और ओला वषर्टि से पौधों की बचाव होती हैं
मौसम के दुष्प्रभाव से ही नहीं कीड़ पतगों के हमलें से भी फसल की सुरक्षा होती है।
प्रकाश और तापमान नियंत्रण की वजह से पाॅली हाउस कृषि के अयोग्य भूमि को भी कृषि योग्य भूमि में बदल देता है

पोली हाउस में खेती किसानों के लिए मुनाफे की खेती बन गई है।
आजकल किसान पंरपरागत तरीके से खेती करने के साथ साथ आधुनिक खेती भी करने लगे हैं,

आधुनिक खेती के अंतर्गत सरकार द्वारा पाॅली हाउस खेती को बढ़ावा देने के लिए आर्थिक मदद भी कर रही है.
इस पूरी प्रक्रिया में जो भी लागत आती है उस पर 50 प्रतिशत तक अनुदान देती हैं।
देश के कई किसान पाॅली हाउस खेती करके अच्छी इनकम कर रहे है.
महासमुंद जिले के गजानंद पटेल पोली हाउस खेती से सालाना चालीस लाख से अधिक की कमाई करते है
इसी तरह पोली हाउस खेती से फूल, फल और सब्जियों की खेती करके देश के कई किसान सालाना लाखों रूपए कमा रहे हैं
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