Hard care Tips in Hindi / हृदय की देखभाल कैसे करें
हलो फ्रेंड्स
हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ जाने की वजह से हृदय की मांसपेशियों का आकार बढ़ जाता हैं। बढ़ी हुई मांसपेशियों में संकुचन की प्रक्रिया अनियमित हो जाती है। शरीर को ठीक तरह से ऑक्सीजन नहीं मिल पाता है। हृदय के थकने पर वह ठीक तरह से काम नहीं कर पाता है। धीरे-धीरे अपनी कार्य क्षमता खोने लगता है। विशेषज्ञों के अनुसार कई बार हृदय बूरी तरह से थक कर एकदम रूक जाता है और मनुष्य की मृत्यु हो जाती है।
थोड़े से श्रम के बाद सांस फूलना, सीढ़ियां चढ़ने में परेशानी होना, जल्दी थकान का अनुभव करना आदि हृदय के थकने के मुख्य लक्षण है। इसके अलावा पेट के दाहिने हिस्से में पसली के नीचे दर्द होना, गर्दन की नसों में दबाव बढ़ना, हृदय की धड़कन में मर-मर की ध्वनि सुनायी देना, फेफड़ों में कफ जमा होना आदि लक्षणों के सहारे हृदय के थकने का अनुमान लगा सकते हैं। हृदय के थकने के कई कारण हो सकते है जैसे
मनुष्य का स्वभाव व जीवनशैली
अधिक आराम पसंद लोगों के शरीर में रक्त का संचालन ठीक से नहीं होता है जिसकी वज़ह से उनमें हृदय के थकने के लक्षण अधिक दिखायी देते हैं।
ज्यादा गुस्सा करना व अधिक तनाव में रहने वाले व्यक्ति के हृदय की गति तेज हो जाती है। उनकी सांस फूलने लगती है जिसकी वज़ह से हृदय पर दबाव पड़ता हैं। इससे ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है।
खानपान
खानपान का प्रभाव भी हृदय पर पड़ता है
तेल मसालें, पिज्जा, बर्गर, वैफर्स, फास्ट फूड का अधिक सेवन करने से रक्त में कोलेस्ट्राल की मात्रा बढ़ जाती है जिससे धमनियां सकरी होने लगती है और हृदय को रक्त पहुंचाने के लिए अतिरिक्त कार्य करना पड़ता है।
अधिक तेल मसालें वाली चीजों के सेवन से शरीर में कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ जाती है। अधिक आॅयल युक्त खाना, रक्त में लिप्रो प्रोटीन ‘ए’ की मात्रा को बढ़ाता है। यह रक्त को गाढ़ा करता है जिससे दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है।
जरूरत से ज्यादा खाना और अधिक नमक का सेवन भी हृदय को नुकसान पहुंचाता है।
पिज्जा, बर्गर, चाऊमिन, हाॅट डाॅग, केक, चाकलेट, फास्ट फूड आदि के अधिक सेवन से बचें। आहार में प्रोटीन, विटामिन, एन्जाइम, अमीनों एसिड व अन्य तत्वों को संतुलित मात्रा में शामिल करें जिससे मेटाबोलिज्म ठीक रहता है।
भोजन में फाइबर युक्त आहार शामिल करें।अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्युट्रीशन मंे प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक फाइबर हृदय रोग से संबंधित जोखिम कारकों को कम करने में मदद करता है।
मीठे पदार्थो का सेवन कम करना चाहिए मीठे पदार्थो के अधिक सेवन से अच्छे कोलेस्ट्रोल का स्तर गिर जाता है एंव ट्राइ-ग्लि-साइड्रस के स्तर को बढ़ा देती है।
नशीले पदार्थो का सेवन करने से बचे
प्रति वर्ष हृदय की बीमारी से लाखों लोग अकाल मौत के शिकार हो जाते हैं। नियमित धूम्रपान से हृदय में सूजन की शिकायत हो जाती है।
धुंए में कार्बन मोनोक्साइड, निकोटिन, टार्टर, टैनिन, आर्सेनिक जैसे कई खतरनाक किस्म के तत्व पाए जाते हैं जो धमनियों को सिकुड़ा देती है, जिससे दिल के दौरे की संभावना बढ़ जाती है।
कार्बनमोनोक्साइड रक्त में हिमोग्लोबिन से मिल कर रक्त में ऑक्सीजन की क्षमता को कम कर देते हैं ।
नशीले पदार्थ हृदय पर कुप्रभाव डालते हैं। नशीले पदार्थ के सेवन से रक्त को शुद्ध ऑक्सीजन नहीं मिल पाता हैं जिसकी वजह से हृदय को अतिरिक्त कार्य करना पड़ता है और वह थक जाता है।
मोटापा
मोटापा एक परेशानदायक समस्या है। मोटापा की वज़ह से शरीर में अनेक प्रकार की समस्याएं पैदा हो जाती है। शरीर पर अतिरिक्त चर्बी चढ़ जाने पर शिरायों और धमनियों के अवरूद्ध होने की संभावना बढ़ जाती है। शरीर में फैट के विभिन्न तत्वों का स्तर क्या है इसकी जांच 6-12 माह में की जानी चाहिए। इसके लिए लिपिड प्रोफाइल कहलाने वाला टेस्ट जरूर करवाएं।
इन बातों का ध्यान रखें
- आहार में 25 ग्राम फाइबर शामिल करते है तो हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रराॅय, ओवर वेट होने की संभावना कम होती है।
- रेशे युक्त आहार में एंटी ऑक्सीडेंट्स की मात्रा अधिक होती है जो कोलेस्ट्रोल व वजन को नियंत्रित करते हैं।
- नूडल्स, बर्गर, हाॅट डाॅग, आइस्क्रीम जैसे अधिक कैलोरी वाले चीज़ों का सेवन कम करें। अपने आहार में सलाद, ताजे फल, हरी सब्जियां, सूखे मेवे आदि अधिक मात्रा में शामिल करें। यह गुड कोलेस्ट्रोल को बढ़ाने में सहायक होते हैं।
- खाना खाने के बाद नियमित रूप से टहलना चाहिए। सुबह की सैर स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है। यह अच्छे कोलेस्ट्रोल को बढ़ने में मदद करता है।
- 15 मिनट का हल्का व्यायाम करना शरीर व हृदय के लिए लाभदायक होता है। यह रक्तचाप को कंट्रोल करने और हृदय को सक्रिय रखने में मदद करता हैं। इसके अलावा योगा, कसरत, नाचना, तेज दौड़ना, दंड-बैठक लगाना, एरोबिक करना भी हृदय के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
- चीनी, नमक और मैदा इन तीनों को मेडिकल साइंस में व्हाइट किलर बताया गया है। इन तीनों चीजों का जितना कम सेवन किया जाए उतना ही अच्छा रहता है।
- ऐसे तेल का चुनाव करें जिसमें वसा की मात्रा कम हो। जैतून, अरण्डी, राइस ब्राॅस, सोयाबीन, सूर्यमुखी का तेल हृदय के लिए फायदेमंद होता है।
- अखरोट, बादाम आदि सूखे मेवे हृदय के लिए टाॅनिक होते हैं जो हृदय को मजबूत व स्वस्थ बनाएं रखते हैं। इनमें स्वास्थ्य वर्धक ओमेगा-3, फैटी एसिड के साथ प्रोटीन व फाइबर की मात्रा होती है। इसमें गुड कोलेस्ट्रोल, एचडीएल का स्तर बढ़ता है।
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